Monika garg

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लेखिनी 15 पार्ट सीरीज प्रतियोगिता # सती बहू(भाग:-8)

गतांक से आगे:- 

चंदा सारी रात बुखार से तड़पती रही ।उसके कराहने की आवाज चाची सास को आ रही थी पर बेचारी जाती कैसे ,गठिया का दर्द बरसात के कारण उभर आया था।वो बेचारी पलंग से नीचे भी नहीं उतर सकती थी तो चंदा को कैसे सम्हालती।बस अंदर बिस्तर पर पड़े पड़े आवाज लगाती रही ,"बहूरिया ज्यादा काम मत करियो।

थोड़ा आराम कर ले।"


पर चंदा को तो ये पता था ही कि उसके बगैर इस घर में चूल्हा भी नहीं जलेगा । दोनों बुजुर्ग भूखे ही रह जायेंगे।

उन्होंने आसरा दिया था उसे, वो उन्हें भूखा कैसे रहने देती।वह बिस्तर से उठी और पानी का मटका लेकर पनघट की ओर चल दी। इक्का दुक्का औरतें वहां पानी भर रही थी क्योंकि सूरज सिर पर चढ़ आया था।चंदा जब पनघट पर पहुंची तो औरतों में खुसर-पुसर होने लगी । कोई उसकी स्थिति पर हंस रही थी तो कोई अफसोस जता रही थी।चंदा पानी का मटका उठाकर जैसे ही चलने को हुई बुखार की अधिकता के कारण उसे बेहोशी सी छाने लगी।वह गिरने को हुई तभी श्याम ने आकर उसे बाहों में थाम लिया और उसे पेड़ के पास ले जा कर सहारा देकर बैठा दिया ।उसने देखा चंदा का शरीर आग की तरह तप रहा था वह उससे हक से बोला,"अगर इतना तेज बुखार था तो पानी भरने क्यों आईं तुम ।"

उसका यूं जोर से बोलना और हक से बोलना पनघट पर खड़ी औरतों को अचंभित कर गया। औरतों में कानाफूसी शुरू हो गई।चंदा ने श्याम को आंख के इशारे से चुप रहने के लिए बोला पर श्याम तो जैसे बचपन में उसे डांटता था वैसे डांटने लगा।फिर चंदा को सहारा देकर उठाया और कंधे पर उसका पानी का मटका लेकर चल पड़ा उसे घर तक छोड़ने।

घर पहुंचकर पानी के मटके को यथा स्थान रखकर श्याम जल्द ही घर से निकल गया।

घर से निकलते हुए श्याम को उसके चाचा ससुर ने देख लिया ।वो हमेशा से ही स्वतंत्र विचारों वाले थे । लोगों ने बहुत कहा कि अपने इकलौते बेटे को फौज में मत भेजों पर उन्हें देशप्रेम था तो बेटा फौज में दाखिल करवा कर ही दम लिया।उनका मन चंदा पर हुए अत्याचारों से भी विचलित हो गया था।तभी श्याम को देखकर बोले,


"और इंजिनियर साहब कैसे आना हुआ ।सुना है आप हमारी बहूरिया के गांव से ही हो ।बेटा कभी कभार आ जाया करो हमारी बहू वैसे भी उदास रहती है मायके की तरफ का कोई देखेगी तो शायद मुस्कुराना सीख जाएं।"


श्याम हां में सिर हिला कर घर से बाहर हो गया।


चंदा दोपहर को काढ़ा पी कर लेटी तो आराम आ गया शाम तक।फिर उसे शाम का भोजन भी तो बनाना था श्याम को वादा जो करके आई थी कि अब से वो शाम को खाना दे जाया करेगी।

वास्तव मे खाना खिलाने का तो बहाना था ।चंदा कल से जब से श्याम से मिली थी और उसकी औरतों के हक की बातें सुनी थी तब से वो तो श्याम की दीवानी हो गई थी। वरना ससुराल में तो बच्चे ना होने के लिए उसे ही दोषी ठहराया गया था और एक सुकून सा था श्याम कीबातों में।

चंदा फिर से खाना लेकर श्याम के घर की ओर चल दी।जैसे ही दरवाज़े पर दस्तक देने के हुई तो अचानक से दरवाजा खुल गया सामने श्याम खड़ा था ।


" मुझे पता था तुम आ रही हो मेरे दिल ने मुझे पहले ही इशारा कर दिया था ।ओ…. चंदू तुम क्यों आईं इतने बुखार में ।मैं एक दिन भूखा रह जाता तो मर नहीं जाता ।"

जैसे ही श्याम ने ये बात कहीं चंदा ने झट से उसके मुंह पर हाथ रख दिया," बस….. अब और एक शब्द नहीं बोलना।मरे तुम्हारे दुश्मन।"

जैसे ही चंदा ने अपनेपन से ये कहा श्याम ने उसे अपने आगोश में ले लिया। बरसों की प्यासी चंदा श्याम के आगोश में पिघल गई और दोनों वो हदें पार कर गये जो शायद हमारा समाज मंज़ूर ना करता।

ऐसा क्यों होता है जब मर्द वो काम डंके की चोट पर करता है तो औरत वहीं काम करें तो वो कुलटा कहलाती है।चंदा को हर समय मार और दुत्कार ही मिली पति से ।बांझ होने का ठप्पा अलग से लगाया गया ।वहीं पति बैंड बाजे से दूसरी औरत ब्याह लाया और उसे देखकर वो दूसरी औरत को अपने और नजदीक खींच रहा था ।तब चंदा अगर गैर मर्द की बाहों में सुकून ढूंढे तो हमारा समाज उंगली क्यों उठाता है।

रात गहराने लगी थी श्याम ने चंदा को मीठी नींद से जगाया तो चंदा अलसाई सी उठी ।आज उसे लग रहा था कि वह सम्पूर्ण औरत बन गई है पर जब होश आया तो चंदा घबरा गई तब श्याम बोला,"चंदू! हमने कोई अपराध नहीं किया है । मैं प्यार करता हूं तुमसे । विशम्बर ने भी तो तुम्हारे होते दूसरी शादी कर ली । मैं भी तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं।"

चंदा भावुक होकर रोने लगी।

श्याम बोला,"तुम चिंता मत करों तुम्हारे चाचा ससुर बहुत अच्छे इंसान हैं आज ही वो मुझे कह रहे थे कि तुम हमारी बहू के गांव के हो तो आ जाया करो कभी कभार बहू का का मन खुश हो जाएगा। मैं कल ही तुम्हारी और मेरी शादी की बात उनसे करता हूं।"



क्या श्याम चाचा ससुर से बात कर पायेगा ।या कुछ और ही घटने वाला है उनके जीवन में इसके लिए अगले भागों का इंतजार कीजिए…..

(क्रमशः)



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6 Comments

HARSHADA GOSAVI

15-Aug-2023 12:53 PM

Nice

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Alka jain

27-Jun-2023 07:32 PM

Nice 👍🏼

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Shnaya

27-Jun-2023 06:21 PM

Nice one

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